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अच्छे काम करने के लिए जरूरी नहीं जेब भरी हो, कई बार बस दिल बड़ा होना चाहिए। इस कथन को सार्थक करने का काम किया है मुंबई के सतीश गुप्ता ने जो सायन में वड़ा पाव का स्टॉल लगते हैं। इस स्टॉल की खास बात ये है कि सतीश अपने कारोबार में ज्यादा फायदा-नुकसान नहीं देखते। उनका लक्ष्य गरीब और बच्चों की भूख मिटाना होता है जिनके पास एक वक्त के खाने के पैसे नहीं होते। सतीश बहुत गरीब परिवार से आते हैं, उनके पिता उन्हें 7वीं से ज्यादा पढ़ाने में सक्षम नहीं थे। सतीश के पास कोई रास्ता नहीं बचा था इसिलए उन्होंने कई जगहों पर छोटे-मोटे काम करने शुरू कर दिए थे। सायन में साधना स्कूल के करीब उन्होंने कैंटीन से शुरुआत की लेकिन कुछ वक्त बाद वो बंद हो गई और किराया चुकाना मुश्किल हो गया था। तभी उन्होंने अपने इस स्टॉल की शुरुआत की जहां वे आज भी 5 रुपये में लोगों को वड़ा पाव खिलाते हैं। भूख की कीमत को समझने वाले सतीश हमें हर परिस्थिति में खुद के साथ-साथ दूसरों के लिए भी खड़े होने की सीख देते हैं। ऐसे लोग ही हमारे समाज को एक बेहतर जगह बनाते हैं।

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