2 anni - Tradurre

कल बारिश बहुत तेज़ थी, और छुट्टी का दिन था। बाहर के मौसम को देख सभी का कुछ स्पेशल खाने का मन हुआ, मैं किचन में जा ही रही थी कि, तभी एक मित्र का परिवार सहित आना हुआ। उनके आने पर मैं तुरन्त चाय पकौड़े की तैयारी करने लगी।

मुझे किचन में देखकर वो असहज हो गए। उन्हें लगा कि उनके यूँ आ जाने से मुझे किचन में जाना पड़ा। उन्होंने कहा ; अरे आप मत परेशान होइए हम बाहर से ऑर्डर कर लेते हैं...हम आए ही इसलिए कि हम सब बालकनी में बैठकर खूब एंजॉय करेंगे!

मैं उनकी असहजता और केयर को समझ गई थी। उन्हें बताया कि यह तो मैं वैसे भी बना ही रही थी...आपके आने से कुछ काम न बड़ा!

और रही बात ऑर्डर करने की तो मेरी कोशिश रहती है कि ऐसे मौसम में जब तूफान आ रहा, तेज़ ठंड हो या बहुत तेज़ बारिश हो रही हो...मैं बाहर से खाना ऑर्डर नहीं करती!

देखिए डिलीवरी बॉयज यह काम है कि अगर हम ऑर्डर करेंगे, तो उन्हें तो अपनी सेहत जोखिम में डालकर उस ऑर्डर को पूरा करने आना ही होगा। वह जॉब उनकी मजबूरी है...पर हमारी जब तक कोई विशेष मजबूरी न हो, हमे उन्हें नहीं बुलाना चाहिए!

मानवता के लिए ही कम से कम हमे ऐसे मौसम में बाहर से खाना बुलाना अवॉयड करना चाहिए!

मेरी बात उन्हें पसन्द आई और उन्होंने भी इस बात को आगे से ध्यान रखने की बात कही! और हम सभी ने आराम से घर बैठकर घर के बने नाश्ते का आनंद लिया।

आज भी यहाँ भारी वर्षा की चेतावनी हैं। सरकारी अलर्ट है। आप सभी से एक प्रार्थना है कि जब तक अति आवश्यक न हो, बाहर से कोई भी डिलीवरी, चाहे वह ग्रॉसरी हो, सब्जी हो या खाना...हो सके तो अवॉयड करें।

डिलीवरी बॉय भी इंसान हैं। किसी के बेटे हैं...कोई उनके लिए भी फिक्रमंद होता हैं, कोई उनके भी घर जल्दी लौटने की कामना करता है।

वैसे आमदनी का मारा जाना या जोखिम को उठाना दोनो ही बुरा है।
हो सकता है एक दिन चला जाए और बीमार होकर 8 दिन काम पर न आए तो आमदनी तो तब भी मारी जाएगी। सबकी अपनी सोच हैं। सबके अपने निर्णय।

बस इतनी सी ही तो बात हैं।

बाकी तो...आल इज वेल!

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