भारत की सभी बहन बेटियों माताओं को समर्पित ये चंद पंक्तियां हैं
मुखड़ा/
हटा दो हाथ से चूड़ी,तुम्हे इज्जत बचानी है।
नही कोई तुम्हारा है, कहानी ये पुरानी है।।
अंतरा/
सताई जा रही थी तुम,कुप्रथाओ के नाम पर।
सती प्रथा देव दासी,कही डायन निशानी है।।
नही कोई......
अंतरा/2
एक औरत नही समझे, एक औरत की जान को।
तुम्हे आपस में मिल करके,एकता अब निभानी है।।
नही कोई....
अंतरा/3
दिए अधिकार बाबा ने,तो अब हालत कुछ सुधरे।
मगर तुम दूर हो उनसे ,यही तेरी नादानी है।।
नही कोई...
अंतरा/4
किताबें अब उठालो तुम, महा पुरूषों को पढ़ डालो।
छोड़ पाखंड को निकलो ,तुम्हे लिखनी कहानी है।।
नही कोई......
अंतरा/5
पढ़ो झलकारी फूलन को,आत्म रक्षा करो अपनी।
चढ़ के दुश्मन की छाती पर,उसकी औकात लानी है।।
नही कोई.....
पडरौना जिला कुशीनगर उत्तर प्रदेश।
