क्रांतिकारी केसरीसिंह बारहठ ने महाराणा प्रताप पर दोहे लिखे, उन्होंने अपने पुत्र का नाम भी प्रतापसिंह रखा। क्रांतिकारी गणेश शंकर विद्यार्थी ने अपने राष्ट्रीय पत्र का नाम "प्रताप" रखा था और उसमें कई बार महाराणा प्रताप का ज़िक्र करके लोगों को प्रेरित किया।
भगतसिंह जी, गोपालसिंह जी आदि कई क्रांतिकारियों ने महाराणा प्रताप को अपना आदर्श माना।
लेकिन किसी भी क्रांतिकारी ने अपने लेखों में अकबर, बाबर, औरंगज़ेब या अलाउद्दीन खिलजी को आदर्श नहीं माना।
