*कम से कम दो बार आवश्य पढ़ें। शब्दों की गहराई समझने की कोशिश करें।*
पैर की मोच
और
छोटी सोच ,
हमें आगे
बढ़ने नहीं देती ।
😔😔😔😔😔😔😔😔
*टूटी कलम*
*और*
*औरो से जलन ,*
*खुद का भाग्य*
*लिखने नहीं देती ।*
😔😔😔😔😔😔😔😔
*काम का आलस*
*और*
*पैसो का लालच ,*
*हमें महान*
*बनने नहीं देता ।*
😔😔😔😔😔😔😔😔
*👌दुनिया में सब चीज*
*मिल जाती है,......*
*केवल अपनी गलती*
*नहीं मिलती..*
😔😔😔😔😔😔😔😔
*" जितनी भीड़*
*बढ़ रही*
*ज़माने में........।*
*लोग उतनें ही ,*
*अकेले होते*
*जा रहे हैं......।।*
😔😔😔😔😔😔😔😔
*इस दुनिया के*
*लोग भी कितने*
*अजीब है ना 😘
*सारे खिलौने*
*छोड़ कर*
*जज़्बातों से*
*खेलते हैं......*
😔😔😔😔😔😔😔😔
😣😣😣😣😣😣😣
*किनारे पर तैरने वाली*
*लाश को देखकर*
*ये समझ आया........*
*बोझ शरीर का नहीं*
*साँसों का था.....*
*तो फिर घमण्ड शरीर पर कैसा?*
😔😔😔😔😔😔
*"सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए और*
*जिंदगी का मजा लेना हैं तो दिल में अरमान कम रखिए !!*
👌👌👌👌👌😇😇
*तज़ुर्बा है मेरा.... मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,*
*संगमरमर पर तो हमने .....पाँव फिसलते देखे हैं...!*
👌👌👌👌😇😇
*जिंदगी को इतना सीरियस लेने की जरूरत नहीं,*
*यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा!*
*जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में ....*
*जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए...*
👌👌👌👌👌👌👌
*पैसा इन्सान को ऊपर ले जा सकता है;*
*लेकिन इन्सान पैसा ऊपर नही ले जा सकता......*
👌👌👌👌👌👌👌👌
*कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है....*
*पर रोटी की साईज़ लगभग सब घर में एक जैसी ही होती है।*
*👌शानदार बात👌*
*इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर ( पंख) मिले,*
*और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले...*
👌👌👌👌👌😇😇
*कर्मो' से ही पहेचान होती है इंसानो की...*
*महेंगे 'कपडे' तो, 'पुतले' भी पहनते है दुकानों में !!..*
*आप स्वस्थ, सदा मस्त रहे*