#स्त्रीयों_को_समर्पित 🙏🏻🙏🏻
तुम पुरुष थे... इसलिए तुम्हें "पद विरासत" में मिले...
हम स्त्रियों को, अपनी "जगह समाज" में बनानी पड़ती है।
पुरुष तो, आजादी से पहले भी "आजाद था"... स्त्रियों को,
आज भी घर में "सर उठाकर चलने की आजादी नहीं"।।
तुम पुरुष थे, तुम्हारे पास तो हथियार था "अधिकारों का"... और हम स्त्रियों को, मिली "संस्कारों की पोटली"।
तुम पुरुषों पर, बहुत से "निबंध" थे... और हम स्त्रियों पर,
बस "बरसों से लिखे प्रतिबंध"...!!
साभार सोशल मीडिया 👏
जय हिन्द जय भारत
