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🙏श्री रामचरितमानस (गोस्वामी तुलसीकृत) (रामायण) पढ़ने के लाभ:

1 श्री रामचरितमानस में भगवान श्री राम का चरित्र एक आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति, आदर्श मित्र, आदर्श राजा, दया, करुणा, त्याग, सत्य, धर्म के मार्ग पर चलने वाला है; जिसका अध्ययन, मनन अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा देता है !
2.रामायण, भारतीय साहित्य का एक प्रमुख महाकाव्य है. यह एक धार्मिक ग्रंथ होने के साथ-साथ जीवन जीने का तरीका भी बताता है. रामायण से हमें धर्म, न्याय, ईमानदारी, और रिश्तों के महत्व के बारे में सीख मिलती है. रामायण से जुड़ी कुछ खास बातें:
3.रामायण में भगवान राम को आदर्श पति और माता सीता को आदर्श पत्नी बताया गया है.
4.रामायण में दिखाए गए मूल्यों को अपनाकर, हम एक प्रेमपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण संबंध बना सकते हैं.
5.रामायण में दिखाए गए मूल्यों को अपनाकर, हम एक सद्गुणी और परोपकारी जीवन जी सकते हैं.
6.रामायण में दिखाए गए मूल्यों को अपनाकर, हम बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल कर सकते हैं.
7.रामायण में दिखाए गए मूल्यों को अपनाकर, हम परिवार में एकता बनाए रख सकते हैं.
8.रामायण में दिखाए गए मूल्यों को अपनाकर, हम माता-पिता की आज्ञा का पालन कर सकते हैं.
9.रामायण में दिखाए गए मूल्यों को अपनाकर, हम ज़िम्मेदारियों का निर्वाह कर सकते हैं.
10.रामायण में दिखाए गए मूल्यों को अपनाकर, हम संयम बरत सकते हैं.
11.विविधता में एकता रामायण की बड़ी सीख है । इस महाकाव्य में जब श्रीराम लंका पर चढ़ाई करने जाते हैं तो उनकी सेना में मनुष्यों से लेकर बंदर और अन्य जानवर भी शामिल थे। सभी ने श्रीराम का साथ दिया इसके अलावा राजा दशरथ के चारों बेटों का चरित्र अलग होने के बावजूद उनमें एकजुटता रहती है यह हर परिवार के लिए दुःख के समय से बाहर निकलने की सीख है।
12.श्रीराम ने सब कुछ जानते हुए भी कैकई को दिया वचन को निभाया। वहीं सभी भाइयों में प्रेम था। ऐसे प्रेम में लालच, गुस्से या विश्वासघात के लिए जगह ही नहीं थी। लक्ष्मण ने 14 साल तक भाई राम के साथ वनवास किया, वहीं दूसरे भाई भरत ने राजगद्दी के अवसर को ठुकरा दिया। भाइयों के प्यार की ये सीख हमें लालच और सांसारिक सुखों के बजाय रिश्तों को महत्व देने के लिए प्रेरित करती है।
13.श्रीराम का व्यक्तित्व मर्यादा और अनुशासनपूर्ण था। उन्होने मर्यादओं में रहकर अपने जीवन की हर जिम्मेदारी को अच्छे से पूरा किया। उनके जीवन से हमें यही सीखना चाहिए कि मर्यादा और अनुशासन में रहकर हम एक अच्छे इंसान
बन सकते हैं।
14.श्रीराम शांत स्वभाव के थे। उनमें हर इंसान के लिए दया का भाव था। उन्होंने प्रेम और दया के साथ एक पुत्र, पति, भाई और एक राजा की जिम्मेदारियों को भी अच्छे से निभाया। श्रीराम का ये स्वभाव आपसी प्रेम और सम्मान जैसे मानवीय गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। इन गुणों को अपनाकर हम खुशहाल और संतुष्ट जीवन जी सकते हैं। इसी की मदद से हम समाज की बुराइयों पर जीत हासिल कर सकते हैं।
15.भगवान राम का विनम्र आचरण और सभी के प्रति सम्मान का भाव हमको सीख देता है। हमें पद, उम्र, लिंग आदि के भेदभावों के बावजूद सबसे समान व्यवहार करना चाहिए। पशुओं के प्रति प्यार और दया भी हमारे मन में होनी चाहिए। सच्चा मानव वही है जो सबसे समानता से पेश आता है।

अत: अपने एवं अपने परिवार के भौंतिक, अध्यात्मिक, संपूर्ण लाभ के लिए श्री रामचरितमानस- रामकथा-रामायण पढ़िए !

जय श्री राम🙏

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