कसौटी न्याय की!
संविधान की व्याख्या करने वाली न्यायपालिका जब खुद सवालों के घेरे में आए तो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं।
न्यायमूर्तियों का फैसला ही नहीं व्यवहार भी न्याय की गरिमा को प्रभावित करता है।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा प्रकरण ने न्याय के पालनहारों को कटघरे में खड़ा किया..पढ़िए नया अंक।
