”बबुआ माफी मत मांगना, चाहे उम्र भर काल-कोठरी में क्यों न कट जाए। कभी सिर मत झुकाना।”
मां के इन शब्दों से ऐसी ताकत मिली कि आपातकाल के विरोध में राजनाथ जी ने लंबा समय जेल में बिता दिया।
मां के आखिरी दर्शन और अंतिम संस्कार के लिए भी पैरोल नहीं मिला, मगर तानाशाही के सामने झुके नहीं।
#samvidhanhatyadiwas
