आपातकाल में विपक्ष के अधिकांश लोग गिरफ्तार कर लिए गए, लेकिन कुछ विरले ऐसे भी थे जो सरकार की गिरफ्त में नहीं आए और लोकतंत्र की वापसी के लिए लड़ते रहे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी उस समय अंडरग्रॉउंड रहकर संगठन का काम संभालते थे और भेष बदल-बदल कर कभी ट्रेन से संदेश सामग्री पहुंचाते थे, तो कभी जोखिम उठाकर जेल में बंद नेताओं के साथ गुप्त बैठकें कर, उनसे मार्गदर्शन प्राप्त कर लोगों का हौंसला बढ़ाते थे।