“भाजपा का कांग्रेसीकरण”
भारतीय जनता पार्टी धीरे धीरे कांग्रेस बनने के तरफ अग्रसर है, ये बात अलग है कि कांग्रेस उससे भी तेज गति से मुस्लिम लीग बनती जा रही है।
अब बीजेपी में वो बात नहीं रही, जो एक ज़माने में हुआ करती थी। पिछले दिनों में मनीष कश्यप और राजा सिंह जैसे दो कट्टर हिन्दू नेताओं ने पार्टी को टाटा-बाय बाय कर दिया।
मैं ये नहीं कहता कि इन दोनों के या किसी के जाने से भाजपा खत्म हो जाएगी लेकिन इसके जो दूरगामी प्रभाव होगें आइए थोडा विस्तार से बताता हूं ........ 👇👇
दोनों ने साफ कह दिया कि हिन्दुत्व से कोई समझौता नहीं होगा, लेकिन बीजेपी का सिस्टम अब सहन नहीं होता। कार्यकर्ताओं को सिर्फ दिखावे में सम्मान मिलता है, असल में नहीं।
अब ये दोनों क्या बोले, कितना सही बोले, वो पार्टी जाने—but ये तय है कि जब ज़मीनी नेता छोड़-छोड़ कर जा रहे हैं, तो कहीं न कहीं अंदर ही अंदर पार्टी सड़ रही है।
बीजेपी पहले वो पार्टी थी जो अनुशासन, संगठन और विचारधारा के लिए जानी जाती थी। जनसंघ से लेकर मोदी युग तक बीजेपी ने कई उतार-चढ़ाव देखे।
अटल, आडवाणी और जोशी की तिकड़ी से होते हुए आज मोदी, शाह और नड्डा की तिकड़ी तक बात आ पहुंची है। लेकिन इस ट्रांजिशन में पार्टी की आत्मा कहीं खो सी गई है। पहले बीजेपी में विचार चलता था, अब सिर्फ आदेश चलते हैं।
मोदी-शाह के नेतृत्व में पार्टी ने बहुत से बाहरी नेताओं को अपनाया, जो कांग्रेस छोड़कर आए। और इनमें से कई आज बीजेपी में ऊँची कुर्सियों पर बैठकर चमक रहे हैं।