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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को भारत को रूसी तेल खरीदने पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है। आरोप लगाया कि युद्ध में मारे जा रहे यूक्रेनियों के पीछे भारत की फंडिंग है। अमेरिका के अनर्गल आरोपों पर भारत के बाद रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कार्यालय क्रेमलिन ने मंगलवार को कहा कि किसी भी देश को यह मजबूर करना कि वह रूस से व्यापार न करे, 'गैरकानूनी' है।
रूसी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका की यह टैरिफ बढ़ाने वाली बात दरअसल 'कोरी धमकी' है। हर संप्रभु देश को यह अधिकार है कि वह किसके साथ आर्थिक रिश्ते बनाए, यह वह खुद तय करे।
क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा, "हम इसे अपने व्यापारिक साझेदारों के खिलाफ सीधी धमकी मानते हैं। किसी भी देश को जबरन यह कहना कि वह रूस से व्यापार बंद कर दे, अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है।"
ट्रंप ने क्या कहा था?
हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप ने बयान दिया था कि यदि भारत जैसे देश रूस से तेल खरीदना जारी रखते हैं, तो अमेरिका उन्हें अधिक आयात शुल्क के ज़रिए "कीमत चुकाने" पर मजबूर होगा। ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि यूक्रेन युद्ध में रूस की तरफ से रूसी हथियारों के पीछे भारत की फंडिंग है, अगर भारत रूस से तेल नहीं खरीदता तो यूक्रेन में इतने लोग नहीं मारे जाते।
भारत का जवाब
हाल के वर्षों में भारत ने रूस से सस्ती दरों पर बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीदा है। अमेरिका और पश्चिमी देश रूस पर यूक्रेन युद्ध को लेकर प्रतिबंध लगाते रहे हैं और अब रूस से व्यापार करने वाले देशों को भी निशाना बना रहे हैं। भारत ने सोमवार को अमेरिका के आरोपों पर तीखा पलटवार किया। भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना था कि जो देश रूस से व्यापार न करने की सलाह दे रहा है, वो खुद रूस के साथ व्यापार कर रहा है। भारत ने यह भी कहा कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद जब अधिकतर तेल सप्लाई यूक्रेन की तरफ मोड़ दी गई थी, तब अमेरिका ने भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया था।

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