हैदराबाद के प्रोफेसर सतीश कुमार ने एक शानदार तकनीक विकसित की है, जिसने अब तक 50 टन से अधिक प्लास्टिक को पेट्रोल में बदल दिया है। यह इनोवेशन न सिर्फ़ प्लास्टिक कचरे के बोझ को कम करता है, बल्कि ऊर्जा का एक promising वैकल्पिक स्रोत भी पेश करता है।
सच्चे हीरो वो होते हैं जो ऐसे समाधान बनाते हैं जिनसे समाज और पर्यावरण दोनों को फ़ायदा हो। प्रोफेसर कुमार की उपलब्धि इस बात का एक शानदार उदाहरण है कि विज्ञान और दृढ़ संकल्प से कैसे वास्तविक बदलाव लाया जा सकता है।
क्या आपको नहीं लगता कि उन जैसे इनोवेटर्स को और भी ज़्यादा पहचान और मजबूत सरकारी सहायता मिलनी चाहिए ताकि ऐसे प्रभावशाली काम और भी बढ़ सकें?