नया सिलेबस जारी होने के साथ ही क्लास 8 की टेक्स्टबुक में अब इतिहास को पहले से कहीं अधिक स्पष्ट और सटीक रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। किताब में बाबर को “क्रूर हमलावर” और औरंगज़ेब को “मंदिर तोड़ने वाला” कहकर उनके शासनकाल की वास्तविकताओं को दर्ज किया गया है। यह बदलाव लंबे समय से चली आ रही उस बहस का परिणाम है जिसमें लोग चाहते थे कि आने वाली पीढ़ियों को इतिहास का सच बिना किसी रंग-रोगन के पढ़ाया जाए।
कई दशक तक मुगल शासन को महिमामंडित कर दिखाया गया, जबकि उनके अत्याचारों, धार्मिक उत्पीड़न और सामाजिक दमन पर बहुत कम चर्चा हुई। अब नई टेक्स्टबुकें इन सच्चाइयों को सामने रखती हैं ताकि छात्र यह समझ सकें कि भारत का इतिहास केवल युद्धों और राजाओं की कहानियाँ नहीं, बल्कि सांस्कृतिक संघर्षों, धार्मिक संघर्षों और समाज की सहनशीलता का भी दस्तावेज़ है। इस बदलाव को कई लोग एक साहसिक कदम मान रहे हैं—ऐसा कदम जो देश की ऐतिहासिक चेतना को सही दिशा में ले जाता है।
बहुत से इतिहासकारों और आम नागरिकों का मानना है कि यह निर्णय उन दशकों के सपनों को पूरा करता है जिनमें लोग उम्मीद करते थे कि भारत का इतिहास सच के आधार पर पढ़ाया जाएगा। यह बदलाव न केवल पाठ्यक्रम सुधार है, बल्कि भारत की सभ्यता और उसकी पहचान को नये आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुत करने का अवसर भी है।