न्याय के दीपक को बुझाना नामुमकिन! - हिन्दू आस्था की आवाज़ बुलंद करें 🔥
यह कैसी राजनीति है, जहाँ एक जज को केवल इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने हिंदुओं को अपने घर में 'दीप जलाने' का अधिकार दिया? यह फैसला किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि हिन्दू आस्था के मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करने वाला था।
यह घटना दर्शाती है कि कुछ राजनीतिक दल केवल वोट-बैंक की खुली और बेशर्म राजनीति के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। विपक्ष का यह रवैया साफ दिखाता है कि उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता और न्याय से अधिक अपने राजनीतिक स्वार्थ प्यारे हैं। न्यायपालिका को राजनीतिक दबाव से मुक्त होना चाहिए, और जज साहब का समर्थन करना हर न्यायप्रिय नागरिक का कर्तव्य है।
जज साहब का फैसला संवैधानिक मूल्यों और हिन्दू संस्कृति के सम्मान में है। उनकी ईमानदारी और साहस को सलाम!
आइए, हम सब मिलकर इस अन्यायपूर्ण हमले के खिलाफ खड़े हों। जज साहब के समर्थन में अपनी आवाज़ उठाएँ और दिखा दें कि भारत का नागरिक न्याय और धर्म के साथ है।
क्या आप इस न्याय के समर्थन में हैं? अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं!
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