पंडित ओंकारनाथ ठाकुर
जिनकी गायकी में राष्ट्रभाव और भक्ति की शक्ति सहज रूप से प्रवाहित होती थी।
वंदे मातरम् और मीरा भजनों के भावपूर्ण स्वरों ने उन्हें विशिष्ट पहचान दिलाई। BHU के पहले संगीत संकायाध्यक्ष, विश्वविद्यालय के कुलगीत के रचयिता और ‘संगीतांजलि’-‘प्रणव भारती’ के लेखक—पद्मश्री सम्मानित सुर-साधक। उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।
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