ताजमहल का सच।
आप सभी ने देखा होगा कि देश के सभी शिव मंदिरों में शिवलिंग के ऊपर एक कलश रखा होता है जिसमें पानी या दूध भरा जाता है और शिवलिंग के ऊपर जलाभिषेक किया जाता है पर क्या कभी किसी ने भी कोई ऐसी कबर देखी है जिसपर कलश रखकर उस मुर्दे की लाश पर जलाभिषेक किया जाता हो।
पूरे विश्व मे किसी भी कब्रस्तान मे ऐसी कोई भी कबर नहीं है जहां ऐसा होता हो। पैगंबर मोहम्मद की कबर पर भी नहीं, पर एक विचित्र प्रकार की कबर बनाई गई है जिसके ऊपर कलश रखकर जलाभिषेक किया जाता हो। इस फोटो में देखें यह फोटो ताजमहल में मुमताज़ की कबर की है। इसके ऊपर एक कलश है जिससे जलाभिषेक होता है।
ताजमहल एक प्राचीन शिव मंदिर है जिसका असली नाम तेजोमहालय है। तेजो महालय के अंदर एक शिवलिंग था और उस शिवलिंग के ऊपर कलश में से कुदरती रूप से उस शिवलिंग के ऊपर जलाभिषेक होता था।
आगरा शहर ऋषि अंगिरा के नाम से बना है। ऋषि अंगिरा शिव जी के परम भक्त थे। तेजो महालय मूल रूप से कुओं के ऊपर बनाया गया है। इन कुओं का कनेक्शन यमुना नदी के साथ है। यमुना नदी से पानी इन कुओं में भरकर आता है। ये कुएँ इस प्रकार से बनाए गए हैं कि इनमें कभी भी जवार नहीं आता।
तेजो महालय के नीचे एक लकड़ियों का ढांचा भी बनाया गया है। जो उन कुओं में से पानी खींचने का काम करता है। जैसे पेड़ अपनी जड़ों के द्वारा जमीन में से पानी चूसता है और पानी को ऊपर की ओर खींच कर अपनी पत्तियों तक पहुंचाता है। लकड़ी के अंदर पानी को खींचने के कुदरती गुण होते हैं जो हमारे पूर्वजों को बहुत पहले से पता है।
हिंदूओं का ये मानना है कि ताजमहल में इस कलश के द्वारा जो जलाभिषेक होता है वो शिवलिंग के ऊपर कुदरती रूप से होने वाला जलाभिषेक हैं पर मुस्लिम पक्ष द्वारा यह कहा जाता है कि यह तो मुमताज़ के द्वारा बहाए जाने वाले आंसू है।
अब मुझे ये समझ में नहीं आ रहा है कि मरी हुई मुमताज़ अपनी कबर में से चार पांच फुट ऊपर इस कलश में आंसू कैसे ट्रांसफर कर रही है? और मुमताज़ ये जो आंसू बहा रही है वो किस लिए बहा रही है? क्या ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के हाथ कटवा दिए उसके आंसू बह रहे हैं? या चौदहवीं डिलीवरी करते समय उसकी मृत्यु हो गई, इस बात का उसे दुख है? या उसकी मृत्यु के बाद शाहजहाँ ने मुमताज़ की बहन से जबरदस्ती निकाह कर लिया था और इसके लिए उसने मुमताज़ की बहन के पति की हत्या करवा दी थी इस बात का दुख है?
शाहजहाँ के बेटे औरंगजेब ने उसे कैद करने के बाद प्यासा रखा था। औरंगजेब ने अपने सगे बाप को पानी की बूंद के लिए तरसाया था। तब शाहजहाँ ने हिंदुओं की प्रशंसा की थी। शाहजहाँ ने कहा था कि इन हिंदुओं को देखो, ये हिंदू श्राद्ध पक्ष में अपने मरे हुए पूर्वजों को खाना देते हैं, पानी देते हैं। हिंदू मरने के बाद भी अपने पूर्वजों का ध्यान रखते है और यह एक मेरा बेटा औरंगजेब है जो जीते जी मुझे पानी की बूंद बूंद के लिए तरसा रहा है। क्या शाहजहाँ के इस दुख पर मुमताज़ आंसू बहा रही है?
और हिंदू पक्ष तो मानता ही नहीं है कि यह मुमताज़ क्या आंसू है हिंदुओं का यही मानना है कि यह शिवलिंग पर होने वाला कुदरती जलाभिषेक हैं। जहाँ मुमताज़ की कबर है, वहाँ पहले शिवलिंग हुआ करता था पर शाहजहाँ ने जब इस शिव मंदिर को कबरगाह में कन्वर्ट किया तब वहाँ से शिवलिंग को हटाकर उसकी जगह पर मुमताज़ की कबर को रख दिया गया।
एक दिन हिंदुओं को अपना शिवमंदिर अवश्य पुनः प्राप्त होगा।
हर हर महादेव

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