बस गिनती के यही 15 लड़के ही होंगे।
कल कानपुर में इन्होंने 3 हजार की जिहादी भीड़ को उल्टा लौटा दिया
हिन्दुओं के ये बच्चे न तो कान्वेंट के पढ़े थे और न ही शाखा जाने वाले थे ।
ये सब वे थे जिन्हें आप आवारा गली के लड़के बोलकर उद्दंड समझते है। यही गली बॉयज मोर्चा लिए थे। आपको यदि मदरसा छाप लोगों के उन्माद से बचना है तो आपको अपने मुहल्ले के इन उद्दंड बालकों का ध्यान रखना होगा।
अक्सर होली, दुर्गापूजा में आपके घर चंदा लेने आते होंगे।
