पृथ्वीराज चौहान और महाराणा प्रताप के बारे में तो फिर भी थोड़ा बहुत पढ़ने को मिल जाता है मगर मक्कार वामपंथी इतिहासकारों ने बहुत चालाकी से दक्षिण भारत के सबसे महान हिन्दू सम्राट श्री अमरेन्द्र बाहुबली के बारे में कभी कुछ छपने नहीं दिया!
वही अमरेन्द्र बाहुबली जो राजा दशरथ और पृथ्वीराज चौहान की तरह शब्दभेदी बाण चलाने में निपुण थे ! (इसकी एक झलक प्रस्तुत फोटो में है)
वही अमरेन्द्र बाहुबली जिसका पूरा वंश महादेव का भक्त था!
वही बाहुबली जिसके नाम से गौ-हत्यारा (सांड हत्यारा) भल्लाल देव थर थर काँपता था!
विराट हिन्दू राजा बाहुबली के साथ साथ इन खांग्रेसी और वामपंथी इतिहासकारों ने महाबली, महावीर और शूरवीर कट्टप्पा का इतिहास भी छिपा के रखा | जिस कट्टप्पा का नाम सुनके ही मुस्लिम आक्रांता मूत दिया करते थे, उस कट्टप्पा का इतिहास की किताबों में कोई ज़िक्र तक नहीं | ईरान के खूँखार मुस्लिम बादशाह असलम खान को कटप्पा ने 17 बार धूल चटाई थी | असलम खान की जिस तलवार से पूरा यूरोप और एशिया काँपता था, उस तलवार को "हिन्दू" महाबली कटप्पा ने दो हिस्सों में चीर के फेंक दिया था! ( नीचे दिए फोटो में कटप्पा और असलम खान की लढ़ाई की झलक देखने को मिलती है)
वक़्त आ गया है जब हम अपने बच्चों को इतिहास की सही जानकारी दें और खांग्रेसी और वामी बुद्धिजीवियों द्वारा लिखी गई किताबों को जला फेंके !
जब इतिहास वाट्सएप, फेसबुक और फिल्मों द्वारा पढ़ा और सीखा जा सकता है तो हमारे बच्चों को किताबों की क्या ज़रुरत?

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