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महाराष्ट्र का राजनैतिक संकट उतना बड़ा नही है जितना बनाया जा रहा है... बागी विधायक बहुमत में है अतः सारे बागी भाजपा मे शामिल हो जाए तो राजनैतिक संकट खत्म और दलबदल कानून भी इनका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा क्योंकि इनके पास बहुमत है!

राजनैतिक संकट बनाया जा रहा है... इसके निर्माता निर्देशक मोटा भाई गुजरात वाले है! यहाँ भाजपा सरकार बनाने के लिए मरी नही जा रही है... यहाँ इनका उद्देश्य है उद्धव ठाकरे को सबक सिखाना! यह क्रूरता है निर्ममता है... सारे विश्वासघातियो को भाजपा की सीधी चुनौती है! ये जो गाली मुहल्ले में चाणक्य बने घूम रहे हैं उनकी गहराई नापी जा रही है! जैसे पहले गाँवो में दुराचारियो और बलात्कारियो को अधगंजा करके मूंह काला करके गधे पर बैठाकर गांव में घुमाते थे ना... उद्धव और शरद के साथ यही हो रहा है! मोटा भाई इनके अहंकार और इनकी माफ़िया मानसिकता को गधे पर बैठाकर पूरे गांव में घुमा रहे है इनका तबियत से मान मर्दन कर रहे है! आज सारे विधायको को भाजपा की सदस्यता दे दो कल भाजपा की सरकार और परसों राजनैतिक संकट समाप्त पर... नही करना है समाप्त!

ये जो टेढ़े मूंह वाला D कंपनी के दम पर महाराष्ट्र का लोकल चाणक्य बना बैठा है उसे पूरा समय दिया जा रहा है कि भाई आओ बचा लो अपना नाड़ा खुलने से! मैंने भाजपा को इतना क्रूर निर्दयी इतना निर्मम इतना बेरहम कभी नहीं देखा! अजीत पवार वाला जो खेल शरद पवार ने खेला था वो अपमान मोटा भाई और नरेंद्र भाई भूल नही पाये हैं! महाराष्ट्र में कुछ घंटो की सरकार बनने से पहले शरद पवार और प्रधानमंत्री मोदी जी के बीच एक मीटिंग हुई थी और इसी मीटिंग में महाराष्ट्र में भाजपा और NCP की सरकार बननी तय हुई थी लेकिन बाद में शरद पवार पलट गए और शवसेना कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली! राजनीति मे ऐसी गुप्त बातो की एक अलग मर्यादा होती है कोई कभी भी बंद कमरे के राज नही खोलता है और बंद कमरे में कोई जबान दी जाती हैं तो उसे निभाया जाता है पर शरद पवार ने लक्ष्मण रेखा पार की और प्रधानमंत्री स्तर के आदमी के साथ विश्वास घात किया! मोदी जी को जहर पीने की पुरानी आदत है अतः वे उस समय जहर का घूँट पीकर रह गए पर वे इस अपमान को नही भूले!

मैंने उस समय भी लिखा था कि ये 2 गुजराती उद्धव और शरद को समय आने पर बहुत कठोर सबक सिखायेंगे... ये वही हो रहा है! आज तक प्रधानमंत्री जी को जितना में समझ पाया हूँ उस आधार पर कह रहा हूँ कि महाराष्ट्र में भाजपा सरकार बनाने की जल्दबाज़ी में बिल्कुल नही है वहाँ प्रतिशोध लिया जा रहा है!

महाराष्ट्र में खेल लंबा चल सकता हैं क्योंकि देर सबेर वसूली के पैसे से चलने वाली पार्टी अपने चिल्लर समर्थको को हिंसा के लिए जरूर उकसायेगे... उसी की प्रतीक्षा हो रही है... तभी निर्णायक वार होगा! संजय राउत ऐसे रगडा जायेगा जैसे ट्रैक्टर के नीचे कोई पिल्ला आ गया हो!

अतः... भाजपा के फूफाओ से निवेदन है कि शांति बनाये रखो ज्यादा बैचैन मत होवो! अभी पिक्चर बाकी है! ये धैर्यहीन लोग अब पोस्ट करने लगे है कि महाराष्ट्र में संकट बहुत लंबा खिंच रहा है ऐसे में सारे विधायक भाग गए तो क्या होगा.... ये हुआ तो क्या होगा वो हुआ तो क्या होगा... 😁
देखो भाई... जिसे भागना है भाग जाए जिसे सरकार बनानी है बना ले... मोटा भाई को निकालनी है उद्धव की टट्टी और वो निकाल कर ही मानेगा! यह लडाई राजनीति से उपर उठकर लडी जा रही है, यहाँ अब हार जीत की भी कोई खास चिंता नहीं है... यहाँ भाजपा अपनी जीवटता दिखा रही है और लड़ रही हैं... इस भावना को प्रणाम! यही वो चीज थी जो भाजपा में नही थी खैर देर सबेर ही सही भाजपा अटल आडवाणी के युग से निकल रही है!
साभार

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