इसके बारे मैं -- दरअसल आज धर्म के तथाकतिथ ठेकेदारों ने अपने निजी स्वार्थों के कारण धर्म के असली चेहरे पर धर्मान्धता का नकाब चढ़ा दिया है धर्म की आत्मा को सम्प्रदायवाद के कठघरे मैं कैद कर दिया है जिससे आज धर्म विद्रोह ओर संधर्ष का कारण बनता जा रहा है !
जय हरे राम हरे राम हरे हरे
