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जब तक हमारे मन में क्रोध, शोक, दुःख
और विषाद होता है, तब तक हमारे स्वभाव में दोष है...सर्वप्रथम इन दोषों को मिटाने की चेष्टा करके स्वभाव को विशुद्ध करना चाहिये..!

शुभनवप्रभात सनातनवंशियो!
🙏🌷