परीक्षा में गब्बरसिंह का चरित्र के बारे में लिखने के लिए कहा गया 
दसवीं के एक छात्र ने लिखा-😉 
1. सादगी भरा जीवन-:- शहर की भीड़ से दूर जंगल में रहते थे, 
एक ही कपड़े में कई दिन गुजारा करते थे, 
खैनी के बड़े शौकीन थे.😊 
2. अनुशासनप्रिय-:- कालिया और उसके साथी को प्रोजेक्ट ठीक से न करने पर सीधा गोली मार दिये थे.😁 
3.दयालु प्रकृति-:- ठाकुर को कब्जे में लेने के बाद ठाकुर के सिर्फ हाथ काटकर छोड़ दिया था, चाहते तो गला भी काट सकते थे😛 
 
4. नृत्य संगीत प्रेमी-;- उनके मुख्यालय में नृत्य संगीत के कार्यक्रम चलते रहते थे.. 
'महबूबा महबूबा', 
'जब तक है जां जाने जहां'. 
बसंती को देखते ही परख गये थे कि कुशल नृत्यांगना है.😊 
 
5. हास्य रस के प्रेमी-:- कालिया और उसके साथियों को हंसा हंसा कर ही मारे थे. खुद भी ठहाका मारकर हंसते थे, वो इस युग के 'लाफिंग बुद्धा' थे.😁 
 
6. नारी सम्मान-:- बंसती के अपहरण के बाद सिर्फ उसका नृत्य देखने का अनुरोध किया था,😀 
 
7. भिक्षुक जीवन-:- उनके आदमी गुजारे के लिए बस सूखा अनाज मांगते थे, 
कभी बिरयानी या चिकन टिक्का की मांग नहीं की.. .😛☺️ 
 
8. समाज सेवक-:- रात को बच्चों को सुलाने का काम भी करते थे .. 
 
😥टीचर ने पढा तो उनकी आँख भर आई और बोला सारी गलती जय और वीरू की ही थी....बेचारा गब्बरवा तो बहुत बड़ा समाज सेवक था........ 
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