हमारी अयोध्या🥰
की बजरंगियों के यहां दल खड़े है
यहां ठाकरे और सिंघल लड़े है
मा सरयू की लहरे हुई कब विकल है
यहां बाबरी सोच होती विफल है
यहां पर तपस्या यहां साधना है
यहां मन्त्र की दिव्य आराधना है
है आंगन में जिसके खिला ये कमल है
कि जिसके इरादे अटल थे अटल है
यहां दिव्यता भव्यता बसती घर घर
यहां भाषणों में है मुरली मनोहर
अयोध्या ने मा बनके फैलाई गोदी
तो इसपर विराजे है योगी और मोदी
जिन्हें जन्म भूमि थी प्राणों से प्यारी
यही आके जूझे थे भाई कोठारी
यहां के लिए जब बढ़े आतताई
पराजय थी हिन्दू नरेशो ने पाई
तो हथियार लेकर के नागा बढ़े थे
नरेशो से ज्यादा अखाड़े लड़े थे
अयोध्या में कायर भी हो जाये निर्भय
अयोध्या ने देखी नही है पराजय
जय श्री राम

Karan Prashuram Bhagat
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