जिस महिला कथावाचिजिस महिला कथावाचिका की अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण नहीं है, पिता,माता की भावनाओं को कद्र न करके एक विधर्मी से विवाह करके विधर्मी हो गई हो और हिंदु धर्म को भ्रष्ट करके इसके पतन पे लगी हुई है वह आम लोगों को क्या आध्यात्मिक मार्ग का दर्शन करवाएगी? हास्यास्पद..का की अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण नहीं है, पिता,माता की भावनाओं को कद्र न करके एक विधर्मी से विवाह करके विधर्मी हो गई हो और हिंदु धर्म को भ्रष्ट करके इसके पतन पे लगी हुई है वह आम लोगों को क्या आध्यात्मिक मार्ग का दर्शन करवाएगी? हास्यास्पद..
