इस प्यार को क्या नाम दूं
इंसानियत का एक उदाहरण
एक गरीब लड़की की शादी में जा रहे थे सफर में भूख लगी तो साथियों ने कहा खाना खाते हैं मैंने कहा होटल में नहीं तो मेरा साथी दीपक यहां सुरेंद्र चोलिया भाई चीका बस स्टैंड पर खाना बनाते हैं लेकर यहां आए भाई ने हंसते हुए घर जैसा खाना खिलाया पैसे देने लगे तो मना कर दिया कि नहीं हम आपके फैन है आपको फोन मैं वीडियो देखते थे आज आप हमारे छोटे से ढाबे पर आए हमारे धन भाग आप से मिलना चाहते थे पर सोचा नहीं था कि आप यहां खाना खाने आओगे और हमें कहा कि यह ग्यारह ₹1100सौ रुपए गरीब बेटी की शादी में देना जहां आप जा रहे हो भाई से मिलकर बहुत खुशी हुई और हौसला बढ़ा सृष्टि का एक नियम है जो बांटोगें वहीं आपके पास बेहिसाब होगा फिर वह चाहे धन हो अन्ना हो सम्मान हो अपमान हो नफरत हो या मोहब्बत
