उस दौर में मुझ जैसा मासूम बच्चा समझ जाता था कि यदि फिल्म में रंजीत जी हैं तो गड़बड़ होने की आशंका है तो ये अभिनेत्रियां क्यों नहीं समझ पाती थी कि इस आदमी के चक्कर में पड़कर दो, चार चाह महीने बाद इन्हे बाबूजी, बाबूजी कहकर, इनके मारुति ऐट हंड्रेड या फिएट के पीछे दौड़ना पड़ेगा.
P.s - रंजीत जी, वो परदेसी बाबू रहे हैं जिन्होंने अपने लेवल पर खूब धूम मचाई है.
#बाबूजी_मैं_आपके_बच्चे_की_मां_बनने_वाली_हूं

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