2 ans - Traduire

कड़ाके की ठंड और कयामत की राते थी
जबर जुल्म की हद पार करने वाली बातें थी
शहीद होने का उनमें कमाल का जुनून था
कैसे झुक जाते वो जबर जुल्म के आगे
जिनकी रगों में गुरु गोविंद सिंह का खून था

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