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बेगुनाह मुसलमानों के घरों पर जब बुल्डोज़र चलता है तो इनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता है। बीते हफ़्ते जब एक पंकज त्रिपाठी नामी अपराधी के घर पर बुल्डोज़र चला है तो पत्रकारिता को आड़ में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने वाले शुभांकर मिश्रा को इंसानियत, बेगुनाही और न जाने क्या क्या याद आने लगी है। सिर्फ़ इसलिए क्योंकि अपराधी (त्रिपाठी) था।

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