2 лет - перевести

शिवरात्रि हो या होली हर बार भांग पीने के मौके बन जाते हैं, पर कभी भी पीने की हिम्मत न हुई।
बचपन मे अपने भाई को देखा था एक बार किसी ने उसे भांग पिला दी...भईया उसका जो हाल हुआ था...हँस रहा तो हँसता रहा, तो कभी खुद बाइक बन कर ब्रूम ब्रूम कर के पूरे घर मे दौड़ता रहा तो कभी हम सब को डांट लगाता रहा। कभी कहता....'एक एक पत्ता हिल रहा तो मुझको पता चल रहा' तो कभी कह रहा मैं तो मिल्ककेक खाऊंगा... हम लोग उसे देख देख के हँस हँस के लोटपोट हो गए थे। क्या मज़ा आया था उस समय उसे ऐसा देखकर!
पर उसके बाद डर बन गया कि भई प्रसाद के नाम पर भी नहीं, नहीं तो नहीं ही लेना है।
इस बार जब शिवरात्रि पर सोसायटी के मंदिर में भांग की ठंडाई बंटी तो मुझे तो बचपन के किस्से के चलते पहले ही पता था कि यह अपने बस की चीज़ नहीं।
एक फ्रेंड ने पी ली। अब नॉर्मल पी लेती तो ठीक पर उसने 3 गिलास पी। उसके बाद तो जो उसने ग़दर मचाया है 'बाई गॉड की कसम'....!
जैसे तैसे उसको घर पहुंचाया...वहाँ उसे पूरे टाइम भूख लगती रही। अब पति बिचारा खिला खिलाकर हार गया पर वो खा खा कर नहीं हारी। एक टाइम के बाद पेट ने विद्रोह कर दिया और खाने को मना कर दिया तो इसका रोना चालू हो गया...
सारी दुनिया खा रही है, मैं तो खा भी न पा रही!
हँसने वाली चाभी तो उसकी बजी नहीं, उसका रोना और खाना रातभर चलता रहा।
अगले दिन जब उसको अपनी हरकतें पता चली तो मारे शर्मिंदगी उसने उसके साथ अपनी 7 पुश्तों की कसम खाई की अब यह नहीं होगा। बोली कि तेरा सही है यार तू बच गई!
मैने कहा बड़े बूढ़े कह गए है... शादी कर के पछताने की बजाय बारात में जाकर ही पछता लेना बहुत होता है!
बाकी तो...आल इज वेल!