क्या हो जब आपने मित्र Neeraj Badhwar जी से उनकी नई नवेली किताब को अपने मित्रों से खरीदने का आग्रह करवाने के लिए, ऑलरेडी एक बड़ी एमाउंट paytm करवा ली हो। साथ ही उन्हें बड़े बड़े सपने दिखाएं हो ;
आप तनिक भी चिंता न करें, यह किताब मेरे द्वारा प्रमोट होते ही ब्लॉकबस्टर हो जाएगी...अरे ब्लॉकबस्टर क्या आउट ऑफ स्टॉक हो जाएगी...अरे देखिएगा आप, लोग बुकिंग के लिए पैसे लिए बैठे होंगे पर किसी को मिलेगी नहीं!
इधर शुभ मुहूर्त निकाल कर आप प्रमोशन करने बैठें हों और किताब ऑलरेडी सोल्ड आउट हो गई...😑ऑलरेडी आउट ऑफ स्टॉक हो गई तो अब क्या ही कहें!
मुझे लगता है यह मेरी बोली का ही प्रताप है जो ऐसा हुआ, पर मैं स्वयं यह कहकर श्रेय लेना पसंद नहीं करूँगी। यह बात नीरज जी स्वयं अपने लेखों और इंटरव्यू के माध्यम से ज्यादा कहें तो यह ज्यादा सही होगा।
खैर एज अ बनिया...मैने जब कमिटमेंट कर ली तो अपने आप की भी नहीं सुनती जैसा सोचकर आप लोगों के समक्ष यह किताब प्रस्तुत है। उनकी यह दूसरी किताब है जो प्री बुकिंग में ही आउट ऑफ स्टॉक हो चुकी है। अब बुकिंग के दिन स्टॉक में आते ही इसे फिर से आउट ऑफ स्टॉक करने का बीड़ा जरूर से उठाना हैं!
मज़ाक से इतर...
नीरज जी मेरे पसंदीदा व्यंग्यकार हैं। हल्की फुल्की बातों में कमाल का ह्यूमर ढूंढ़ लेते हैं, और जब उसे अपने अंदाज में लिखते हैं, तो पाठक अपनी सारी परेशानियों को एक तरफ रखकर बस हँसते हैं। और वाकई आजकल किसी को हँसा पाना बहुत टफ जॉब है, जो नीरज जी बहुत बढ़िया तरीके से निभाते आ रहे हैं।
ढेर सारी शुभकामनाएं नीरज जी💐💐महाकाल के आशीर्वाद से आप सदैव प्रगति के नित नए सोपान तय करें💐💐💐💐
