जब भारत ने यह घोषणा किया कि G20 कि बैठकें 250 शहरों में होग़ी तो विदेशों में लोग हैरान रह गये की क्या भारत के पास ऐसे 250 शहर है।
लेकिन जब उसकी लिस्ट भेजी गई तो वह सभी सुविधाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर, हवाई पट्टी, मेट्रो सब कुछ थे।
विषम परिस्थितियों में भारत का विकास आश्चर्यजनक है। आज हाइवे के मामलों में विश्व मे दूसरे स्थान पर पहुँच गया। सबसे अधिक मेट्रो निर्माण, मोबाइल निर्माण, साफ्टवेयर, मेडिसिन भारत ने बनाये है।
भारत का सौभाग्य है जब चीन से दुनिया का मोहभंग हो रहा था। उसी समय एक स्थिर , दूरदर्शी सत्ता थी। जिसने राष्ट्र के लाभ को सबसे उपर रखा।
अब इसी का एक दूसरा पक्ष है। जब भारत के छात्र बड़ी बड़ी कम्पनियों के CEO बन रहे है। अन्य देशों मे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री चुने जा रहे है तो भारत में खानदानी नेता कुंडली मारकर राजनीति पर बैठे है। यह तीस वर्ष पुरानी राजनीति को ढो रहे है। इसमें से अधिकतर भ्र्ष्ट है।
यह भारत के लोगों को तय करना है कि उनको आगे जाना है या पीछे जाना है।
जब राष्ट्र उन्नति करता है तो हर क्षेत्र में उन्नति होती है। हर क्षेत्र मजबूत होता, तकनीकी का विस्तार होता है।
ऐसे समय में कोई कैसे सोच सकता है कि NIA, CBI , ED मजबूत नहीं होगी। वह इसलिये भी कि उनके पास सूचना के तंत्र विकसित हुये है।
भ्र्ष्ट नेतागण सोच रहे है उनके खिलाफ जाँच एजेंसी काम कर रही है। इनको यह पता नहीं है कि तुम्हारी एक एक कौड़ी कि सूचना उनके पास है। जो पहले नहीं हुआ करती थी।
मान लीजिये आप अधिकारी हो, आपके सामने कम्प्यूटर में डाटा आ रहा है।
जब नई शराब नीति नहीं थी तो दिल्ली सरकार को 12 हजार करोड़ मिलते थे, और ठेकेदारों को 3 हजार करोड़।
नई नीति के बाद दिल्ली सरकार को 300 करोड़ मिल रहे है, और ठेकेदारों को 15 हजार करोड़।
दिमाग घूम जायेगा कि ये कौन सी नीति है जिसमें सरकार को इतना बड़ा घाटा हो रहा है। जबकि बिक्री, उत्पाद सब बढ़ गये।
शाम को CBI पहुँची मनीष दद्दा को उठा लिया।
यही डाटा आज के 10 वर्ष पूर्व का होता तो 25 साल बाद पता चलता था। तब तक पता नहीं कितने अधिकारी बदलते और नेतृत्व बदल जाता था।
अब बच पाना असंभव सा है। यह अनिवार्यता भी है कि भारत जिस तरह से तेजी से बदल रहा है उसको खतरा भी उतना अधिक है।।
