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अगस्त 2022 में 9 साल की मअसूम बच्ची का रेप के बाद क़त्ल करने वाले मुजरिम "कपिल कश्यप" को ग़ाज़ियाबाद की अदालत ने फांसी की सज़ा सुनाई है। अब फांसी हो जाए बस। हर रेपिस्ट/क़ातिल की यही सज़ा होनी चाहिए। बल्कि ऐसे दरिंदों को चौराहे पर फांसी देनी चाहिए ताकि यह दूसरों के लिए निशान-ए-इबरत बन सकें। रेप तभी रुकेगा जब बिना किसी भेदभाव के इन हैवानियत करने वाले रेपिस्टों को सरेआम सज़ा दी जाएगी। हर भारतीय शहरी आगे बढ़कर अदलात के इस फ़ैसले का स्वागत करेगा। सिवाए रेपिस्टों-हत्यारों के पक्ष में रैली/तिरंगा यात्रा निकालने वाले सड़े हुए समाज को छोड़कर।

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