2 лет - перевести

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां के मस्तक पर घंटे के आकार का चंद्रमा सुशोभित होता है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है. इनकी उपासना करने से भय और नकारात्मक शक्तियों का अंत हो जाता है.. मां चंद्रघंटा को देवी पार्वती का रौद्र रूप माना जाता है. उनकी चार भुजाओं में त्रिशूल, गदा, तलवार,और कमंडल है वहीं, पांचवा हाथ वर मुद्रा में है. जबकि, मां की अन्य भुजाओं में कमल, तीर, धनुष और जप माला हैं और और पांचवा हाथ अभय मुद्रा में है. इनके दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं और इनकी मुद्रा युद्ध की है.

image