"'ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
ऊॅं कात्यायनी देव्यै नम...।" –

चैत्र नवरात्रि के छठवें दिन मां भगवती की छठी विभूति महिषासुरमर्दिनी मां कात्यायनी के चरणों में शीश झुकाता हूं।

मां अपने भक्तों के रोग-शोक, कष्ट और भय दूर कर उन्हें सुखी जीवन का आशीर्वाद प्रदान करें, यही कामना है।

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