2 jr - Vertalen

पहले सड़कों के किनारे फलदार पेड़ लगे होते थे। गर्मियों की छुट्टियों में अक्सर बच्चे जामुन, आम आदि फल तोड़कर खाया करते थे। फिर सरकार को ख्याल आया कि हमें तो विकसित होना है, फ्रूटी ,real , tropicana आदि को लाभ पहुँचना है , पश्चिम की भांति सजावटी दिखावटी बनना है। बस फिर क्या था फलदार पेड़ों को जगह ले ली सजावटी पेड़ पौधों ने और डंडे, पत्थर से फल तोड़ने और पेड़ पर मित्र की मदद से चढ़ने की कला का स्थान ले लिया, मोबाइल ने। बचपन जिसको मिट्टी में रुलना था, वो रील, टिकटोक, फेसबुक, इंस्टाग्राम, पब जी, 4 जी में घुस गया।
बस होना क्या था..सब खत्म, गया, टाटा, बाय बाय।।
साभार

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