2 yıl - çevirmek

काश मैं लौट जाऊं… बचपन की उन हसीं वादियों में ऐ जिंदगी जब न तो कोई जरूरत थी और न ही कोई जरूरी था❤️❤️❤️❤️
🙏❤️🙏शुभ संध्या नमस्कार 🙏❤️🙏

image