यदि आपको स्टार पॉवर ही देखनी है तो दक्षिण भारतीय सिनेमा देखिये,
यदि आपको एजेंडा रहित फिल्में देखनी हैं तो दक्षिण भारत की फिल्में देखिये,
यदि आपको ऑरिजिनल और बिना सेक्युलरिज़्म का तड़का लगाए फिल्में देखनी हैं तो दक्षिण भारत का सिनेमा देखिये...
न कि इन नकली BollyDawood के भांडों का रद्दी सिनेमा...
जिसे सिनेमा कहना ही अपने आप में सिनेमा का अपमान है।
RRR ने झण्डे गाड़ दिए...पहले ही दिन भारतीय सिनेमा के इतिहास में जो अब तक नहीं हुआ वो कल हो गया...
225 करोड़ की भीषण ओपनिंग मिली है इस फ़िल्म को...
दो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की रियल कहानी को ड्रामा और फिक्शन का तड़का मारकर क्या सिनेमा रचा है SS राजामौली ने देशभक्ति के साथ साथ रामायण की झलक लिए....तिस पर जूनियर NTR और रामचरण का हैरतअंगेज एक्शन...Wow...
हमें और आपको पता होना चाहिए कि क्या और कैसा सिनेमा देखना है और क्या नहीं...
गन्द वुड पिछले कई दशकों से ब्लैक मनी को वाइट करने, हिन्दुओं को अपमानित करने, लव जिहाद को प्रमोट करने और भारतीय संस्कृति को नीचा दिखाते हुए इज़लामिक एजेंडे को थोपने का ही काम करता आ रहा है...
इसका बर्बाद होकर मिट जाना ही हमारे भविष्य के लिए हमारा स्वयं के लिए सबसे बड़ा उपकार होगा....
सभी सिने प्रेमी बॉलीवुड का बहिष्कार जारी रखें....
दक्षिण का सिनेमा ही असल भारत का सिनेमा है...
