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अपने देश के विषय में तो हर व्यक्ति सोचता है।
हम सोचते है कि भारत कैसा हो। मेरा विकास आदि से कोई विरोध नहीं है।
लेकिन मेरा भारत कैसा होना चाहिये।
हरा भरा हो। पूरा राष्ट्र वृक्ष, बाग, उपवन से आच्छादित हो।
स्वच्छ नदियां हो,
तालाब , कुँआ हो।
चारो तरफ गौशाला हो।
प्रदूषण कम से कम हो,
मजबूत पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था हो।
तीर्थयात्रा के लिये पथ होना चाहिये।
योग, ध्यान, वेद, उपनिषद के गुरुकुल हो।
शास्त्रीय संगीत हो,
नाटक का मंचन हो।
अनाज से गोदान भरा हो।
सबके लिये सुलभ शिक्षा व्यवस्था हो।
बहुत कम नियम , कानून होने चाहिये।
संसद, विधानसभा के अतिरिक्त कोई भी चुनाव न हो।
अल्पसंख्यक, बहुसंख्यक जैसी अवधारणा खत्म करके सबको समान अधिकार देने चाहिये।
एक ऐसा भारत जिसमें प्राचीनता की महक हो, आधुनिकता का विचार होना चाहिये।
एक ऐसा भारत जिसमें वृक्ष फलों से लदे हो। पँछी गुनगुनाते हो। संध्या गोधुल से सुशोभित हो।।

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