यदा कदा बेपरवाह, बेअदब, बेअंदाज, बेतकल्लुफ या बेवकूफ दिखना सचमुच, छुटपन नहीं होता बल्कि हमारी विनम्रता का संसर्ग होता है...
अक्सर, लोकबाग में प्रेमीजनों का यही व्यवहार मानव उर में सुंदरता का द्योतक है क्योंकि धरती पर वही बादल बरसते हैं जो नीर में सिरमौर और झुकने का हुनर जानते हैं।यही वसन्त के प्रणेता कहलाते हैं।