दुनियाँ का महानतम खिलाड़ी अगर उस समय से जबसे खेलों के आधुनिक स्वरूप का जन्म हुआ मुझसे चुनने को आप कहें... तो मैं बिना हिचक कहूंगा Michael Phelps
न इस खिलाड़ी सा चैंपियन हुआ..... न शायद आसानी से आगे हो.... अद्भुत.... अद्वितीय... अतुल्य...
एक बंदा जिसके नाम इतने ओलंपिक मेडल्स हैं जितने हमारे अपने देश भारत सहित दुनियाँ के आधे से ज्यादा देशों ने कुल मिलाकर अपने खेल इतिहास में नहीं जीते..
28 पदक..... जिनमें 23 स्वर्ण.... सिर्फ #ओलिंपिक में
WC के 33 जिनमें 26 #स्वर्ण_पदक हैं जोड़ दें तो.....
#michael_phelps की एक हुक्का पीते तश्वीर वायरल होती है...... #अमेरिकन_तैराकी_संघ उनपर तीन महीने के लिए बैन लगाता है..... और Michael देश से मांफी मांगता है
Michael Phelps शराब पीकर गाड़ी चलाता पकड़ा जाता है... क़ानून के अनुरूप उसे अदालती प्रक्रिया झेलनी पड़ती है और सज़ा भी होती है.... वो उस सज़ा को काटता भी है।
कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं..... बैन झेलता है वो अलग...
Michael अपने किए पर शर्मिंदा है.... देश का सर झुकाने पर मांफी मांग रहा है..... अपने चैंपियन होने की दुहाई नहीं दे रहा....
अब भारत आ जाते हैं....
साहब ओलंपिक में पहले राउंड में नाक रगड़ कर बाहर कर दी गयी...
या रो गाकर रेपचेज के जरिये ब्रोँज पाए। कथित चैंपियन मानते हैं के उन्ने साब देश के नाम पर चौबीस चाँद लगा दिए उन्हें
◆ क़ानून, देश, संविधान सबसे ऊपर माना जाये...
◆ उन्हें हक़ है कि खेल के नियम अपनी सुविधा से देश में तय करें.... ◆ उन्हें हक़ है कि जब देश की संसद में 90 देशों के प्रतिनिधि बैठ कर देश के प्रधानमंत्री का भाषण सुन रहे हों, वे वहाँ जाकर प्रदर्शन करें
और कोई रोके भी नहीं...
◆ अदालत, थाना, जाँच कुछ नहीं, वे जिसे कहें तुरंत फाँसी पर चढ़ाओ..
वर्ना देश को जब दिल करेगा ये बेज्जत करेंगे और कोई उन्हें रोकेगा भी नहीं....
