यह गद्दारी तो हमारे अपनों ने ही की है।
हमारे गौरवान्वित इतिहास को छुपाकर, इतिहास को बदलकर, जो सच्चाई थी उसे छुपाया गया और जो बुराई थी उसका महिमामंडन (ग्लोरिफाई) किया गया।
इससे हुआ क्या.... हम अंतर्मुखी होते गये।
देश के प्रति जवाबदेही हमारी लगभग शून्य हो गई और हम स्वार्थी होकर सिर्फ अपना और अपने परिवार के बारे में ही सोचने लगे। समाज और देश हमारी सोच से दूर होता गया।
लेकिन अब एक बार फिर से चेतना जागृत हो रही है।
लोग अपने से पहले समाज और समाज से पहले देश के बारे में सोचने लगे हैं, और यह सोच ही हमको विश्वगुरु बनाएगी, ऐसा ना सिर्फ मेरा मानना है बल्कि इस पर मुझे पूरा विश्वास भी है।
