'दो जून की रोटी' से लोगों का मतलब दो वक्त के खाने से है. इंसान की जो सबसे आम जरूरत है, वह भोजन ही है. खाने के लिए ही इंसान क्या नहीं करता है. नौकरी, बिजनेस करने वाले से लेकर गरीब तक, हर शख्स की मूल आवश्यकता खाना ही है.

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