रामायण की सर्वश्रेष्ठ चौपाई | रामायण की चौपाई | रामायण चौपाई | Ramayan Chaupai | सम्पूर्ण रामायण 
    
हरि अनंत हरि कथा अनंता। 
कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता॥ 
 
जा पर कृपा राम की होई। 
ता पर कृपा करहिं सब कोई॥ 
 
जिनके कपट, दम्भ नहिं माया। 
तिनके ह्रदय बसहु रघुराया॥ 
 
होइहि सोइ जो राम रचि राखा। 
को करि तर्क बढ़ावै साखा॥ 
 
बिनु सत्संग विवेक न होई।  
राम कृपा बिनु सुलभ न सोई॥