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7 पीढ़ियों तक लगातार बलिदान देने वाले बड़ी सादरी का झाला वंश, ऐसे अनेकों बलिदानी पुरुष इतिहास के पन्नों में खो गए, जिनकी वजह से आज ये सभ्यता जीवित है, उन सभी को नमन वंदन।
खानवा में राणा सांगा के साथ सर्वोच्च बलिदान देने वाले झाला अज्जाजी, 1535 में बहादुर शाह के समय बलिदान देने वाले सिहा जी झाला, 1568 में अकबर के समय त्याग करने वाले सुरतान जी झाला कि परंपरा में जन्मे महाराणा प्रताप के लिए हल्दीघाटी में त्याग करने वाले झाला मन्ना जी के बलिदान दिवस पर शत शत नमन।

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