2 años - Traducciones

मनोज मुन्तज़िर .. भावनाओं में मत बहो
अपन लोग भी आज के ही लोग है ... हमें और हमारे पीछें के सभी पुर्वजों को और मेरे बच्चों को राम कथा को समझने के लिये ..तुम्हारे जैसे चवन्नी छाप हल्के लोगों की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है ।.......

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