2 ans - Traduire

ऊंचे टीले पर एक दुर्ग 75 साल से किसी के इंतजार में हैं किसी ऐसे के इंतजार में हैं जो उससे कहकर गया है कि वो अभी लौटकर आ जाएगा। लेकिन इस बार 75 से ज्यादा साल गुजर गए लेकिन वो अभी तक नहीं लौटे । और एक दिन मै अपने लड़के को लेकर शिव रोड़ के पास से गुजरता हुं और जैसे ही मेरा लड़का उस किले को देखता है तो वो पुछता है। "ए इतो बडीया मेहल केरो हे"(इतना सुन्दर महल किसका है)। और मेरे मुंह से निकल जाता है "अपो रो हे" (अपना है)। लड़का पुछता है " तो अपे इये मयी कयो को रयो" (हम इसमें क्यों नहीं रहते) में निउतर होकर कही और देखने लगता हु।
मेरी इस बात को सुनकर शायद किला कहता होगा मुझे तेरा ही इंतजार था ।
1156 ईस्वी से सुरज की आंखों में आंखें डालकर खड़ा यह किला कौन है यह वही किला है जिसने इस्लाम के लिए लक्ष्मण रेखा तैयार की, यह वही किला है जिसने तुर्को के तुफ़ान को रोक लिया, यह वही किला है जिसपर 12 साल तक दिल्ली सल्तनत का घेरा रहा, यह वही किला है जिसे बनाने में हमारे पुरखों ने पसीना बहाया, यह वही किला है जिसे बचाने के लिए हमारे पुरखों ने खुन बहाया, यह वही किला है जहां तीन बार पवित्र जौहर हुए । हां हां यह जैसलमेर का किला है , यही अभागा जैसलमेर का किला है जिसे बनाने वाले वीर थे जिसे सम्हालने वाले सूरवीर थे मगर अब उनकी नस्लें कायर हो गई।
हजार साल से बख्त के थपेड़े सहकर भी यह किला वही खड़ा है ‌। दुनिया के इस महानतम किले को देखने के लिए दुनिया खींची चली आ रही है। लेकिन इस गगनचुंबी किले को बनाने वाली कौम आज अपने से ही सवाल पुछ रही है कि यह किला क्या हमारा है?
बहुत दुःखद, बहुत दुःखद।
हम सन् 1550 की उस घटना को क्यों याद नहीं करते जब अमीर खां पख्तुन ने इस दुर्ग पर छल से कब्ज़ा कर लिया था तब किले की चीखों को सुनकर राजकुमार मालदेव भाटी उच्ची थलियों और तपते रेगिस्तान को चिरते हुए आ धमकता है और किले पर पुनः कब्जा करके दम लेता है, लेकिन आज हमारी जागिरदारी छीन ली गई है, प्रीवी पर्स की शर्त को तोड दिया गया है जिसके बिलाफ पर भारत के साथ रियासत ए जैसलमेर का विलय हुआ , हमें अत्याचारी सामंत कहकर आज पुकारा जा रहा है , हमारे नौजवानों को sc st act के झुठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है, हमें मुगल और अंग्रेजों का समर्थक बताया जा रहा है, हमें युरेशिया भेजने की धमकीया दी जा रही है तब यह किला पुछता होगा कि -
"हे कोई ऐसा मालदेव जो इस जुल्म और ज्यादती को रोक दे, हे कोई ऐसा मालदेव जिसको देखकर तुम्हारे दुश्मनों (लोकतंत्र समर्थको) के दिल दहल जाए, हे
कोई मालदेव जिसके लिए मेरे किवाड़ अपने आप खुल जाए और मेरी प्राचीर से इस लोकतंत्र को पखाल में सिलकर तोफं के गोले के साथ दाग दिया जाए जैसे अमीर खां पख्तुन को दाघा था रावल मालदेव ने।"
मेरा दिल कहता है शायद एक दिन आएगा जब कोई अवतरित होगा, और वो इंकलाब लाएगा, रियासती दौर फिर लौट आएगा,हमारा स्वर्णिम काल फिर लौट आएगा और इस खितें के हम हुक्मरान (धणी) होगे भगवद्गीता में ईश्वर अवतार क्षी कृष्ण का अंकित वादा मुझे याद है
"धर्म संस्थापनाथार्य सम्भवामी युगे युगे"।
और जिस दिन रियासत का ऐलान होंगा। उस दिन में मेरी औलादों को हथियार थमाकर कहुंगा "हा हा यह दुर्ग हमारा है यह रेगिस्तान के धोरे हमारे है यह उच्चे डुंगर हमारे है, यह सपाट तालर और सम्हाले हुए ओरण हमारे है यह गड़ीसर का पवित्र पानी और आंधियों की उड़ती रेत तक हमारी है, यह नक्काशीदार हवेलियां और पुरखों की आलीशान छतरियां हमारी है, यह तपती लूं और यह जमी पर गिरता तेज प्रकाश हमारा है , यह खेजडियां ये टुले ये जाल, खीप सब जहां तक तुम्हारी नज़र जाए यह सब हमारे है यह 'रियासत ए जैसलमेर' हमारी ही है ।"

image