जैसे एक चिंगारी लगा देती है पूरे जंगल में आग, ऐसे थे वीरो के वीर महाराण प्रताप, 
नही भुलेगें रणभूमि में लहु बहाया,  
प्यारी थी इतनी आजादी, रह जंगल में जीवन बिताया 
रणक्षेत्र में पलट कर बाजी, हर दुश्मन को मार भगाया 
दे राणा ने प्राणो की आहुति, इस माटी का कर्ज चुकाया 
उन्ही की सौगात हमें मिली थी आजादी, 
अब हमें यें फर्ज निभाना है, 
भारत देश अमानत है उनकी, उनकी सोच को आगे बढाना है 
मेरे देश के जवानो को महाराणा प्रताप बन जाना है 
और अपने वतन को उसके, दुश्मनो से हर पल बचाना है.