4 पीढ़ी vs अकेला मोदी
निराशा से घिरे नेताओं और उनकी सोच ने हमेशा खेलों को दोयम दर्जे का माना कभी खिलाड़ियों के हित में नहीं सोचा, जबकि 'खेलो इंडिया' जैसे प्रोग्राम से वर्ल्ड क्लास खिलाड़ियों की नर्सरी बना भारत।

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