ये है वीर सावरकर की जूट की बनी हुई, काला पानी की सजा के दौरान अंग्रेज़ों की दी हुई पोशाक.. *
'समुद्री उमष में चमड़ी को तिल-तिल काटती थी.. कुछ लोग - उसी दौरान वातानुकूलित कक्ष में प्रेस किए हुए मखमली कपड़े पहनकर, प्रायोजित तरीके से स्वघोषित महान स्वतंत्रता सेनानी बन गये.. राष्ट्रवाद क्या है ? जानना चाहते हो तो चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, सावरकर, लाला लाजपत राय जी. खुदीराम बोस, सुभाष चन्द्र बोस जी आदि को पढ़े। जय हिन्द.. । जय श्री राम ।
